राजकुमार मीणा, नई दिल्ली, 17 अक्तूबर | इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड प्राइवेट कंपनी द्वारा राजस्थान के अजमेर नगर निगम क्षेत्र में बिना निगम की परमीशन के सड़कें उखाड़ प्राइवेट पाइप लाइन बिछा रही है राजस्थान सरकार की अधिसूचना क्रमांक प80(ग) (3) नियम/डीएलबी 10/ 9356 जयपुर दिनांक 24/08/2016 के अनुसार नगरीय विकास कर एवं हाउसिंग टैक्स की वसूली की जाती है, इस प्रकार निगम को (12.4) करोड़ 12,40,33,435 रुपए का नुक़सान हुआ है ।
इंद्रप्रस्थ कंपनी द्वारा सड़कें उधेड़ दी गई है, सड़क के किनारे की टाइल उखाड़ दी गई है, और कुछ हिस्सों में पाइप लाइन डालने के बाद कंपनी द्वारा कोई सुधार कार्य नहीं किया जा रहा जिससे सड़क दुर्घटना की संभावना बनी रहती है ।
स्थानीय लोगों ने बताया कि आईजीएल कंपनी द्वारा लगभग पांच किलोमीटर एरिया में खुदाई कर पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया है और गैस कनेक्शन के नाम पर प्रति घर दो हजार रुपए लेकर फार्म भरवाए गए हैं । लेकिन छ: महिने गुज़र जाने के बाद भी अभी तक गैस सप्लाई घरों तक नहीं हुई है ।
पिछले सप्ताह हुई नगर निगम के साधारण सभा की बैठक में यह मामला सामने आया है कि निगम द्वारा आज तक आईजीएल कंपनी को अजमेर में पाइप लाइन खोदने की अनुमति नहीं दी गई है।
गौरतलब बात यह है कि अजमेर विकास प्राधिकरण से अनुमति की बात की जा रही है परन्तु नगर पालिका अधिनियम की धारा 184 में ये स्पष्ट है कि निगम क्षेत्र में खुदाई की अनुमति देने का अधिकार सिर्फ नगर निगम को है । अजमेर विकास प्राधिकरण व पीडब्लूडी को निगम क्षेत्र में खुदाई की अनुमति देने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है, यदि कंपनी अजमेर विकास प्राधिकरण की अनुमति का हवाला देती है तो कानूनी रूप से ग़लत है ।
अजमेर नगरनिगम महापौर ब्रजलता हाडा से जब इस बारे में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया, क्योंकि उनका कहना था कि हमने अभी इस कंपनी को कोई परमीशन नहीं दी है ।
ऐसी स्थिति में घरों के रैंप, पानी के नल, बिजली की लाइन तक तोड़ दी गई है जिसे ठीक कराने का काम जनता को खुद करना पड़ रहा है और निगम के अधिकारी आंख बंद किए हुए हैं । रोड कटिंग चार्जेज नहीं मिलने से निगम को कई हजार करोड़ रुपयों की चपत लग रही है । नगर निगम को अहसास तक नहीं है ऐसे में निगम के अधिकारियों की अनदेखी के चलते सरकारी खजाने व जनता को भारी आर्थिक नुक्सान हो रहा है ।